कुंभ राशि (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

व्यवसाए :

वर्ष 2016 में शानि आपके कर्म भाव पर गोचर करेंगे । शनि की यह स्थिति आपको उच्छमहत्वाकांक्षीबना रही है । अधिक से अधिक आय प्राप्त करने के लिए प्रयास इस समय में करते रहेंगे । परिश्र्म के बल पर आप अपने व्यवसाय में वृद्धि करेंगे व धन संपत्ति में वृद्धि करेंगे । व्यापार में उन्नति व आशा से अधिक लाभ की संभावना बढ़ेगी । आप इस वर्ष नयी सम्पति में निवेश करेंगे । वर्ष 2017 में शनि आपके आय के भाव पैर गोचर करने लगेंगे । शनि के इस गोचर से आपके पुरुषार्थ भाव से सभी कार्य पूर्ण होंगे । परंतु कुछ आय क्षेत्र में यह बाधा का कारण बन सकता है ।

धन संपत्ति :

वर्ष 2016 में राहु-गुरु की युति चांडाल योग का निर्माण करेगी । मान - सम्मान आर्थिक पक्ष से यह योग अनुकूल फलदायक होता है। इस अवधि में पारिवारिक दुविधाएं बढ़ सकती है । व्ययों की अधिकता बनी हुयी है । इस वर्ष में उच्चाधिकारीयों से डांट - फटकार मिल सकती है । वर्ष 2017 में शानि का पर होना आपके कार्य भाव में कमी करेगा । इस अवधि में आय क्षेत्रों में अप्रत्याशित घटनाएं घटित हो सकती है अतः धन चोरी के प्रति सावधान रहें ।

घर -परिवार समाज :

पारिवारिक दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा । परिवार में मंगल कार्य होंगे । सुख व संपंनता का माहौल रहेगा । माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें । भाई - बहनों से संबंध अच्छे रहेंगे । माता-पिता से संबंध मधुर रहेंगे ।

स्वास्थ्य :

इस वर्ष आप कुछ चिंता का अनुभव करेंगे । अकारण चिंता करने से कुछ हासिल नहीं होगा । आप चिंताओं से उभरने की कोशिश करें वरना आपको किसी मानसिक रोग अथवा मस्तिष्क संबंधी विकार का सामना करना पड़ सकता है ।

करियर एवं प्रतियोगी परीक्षा :

शिक्षार्थयों के लिए समय की शुभता बानी हुयी है । अदालती मामलों में समझौता होने से फायदा होगा । आत्मविश्वास किसी प्रकार करें । सकारात्मक बने रहें ।

यात्रा तबादला :

इस वर्ष आपके द्वारा जल्दी-जल्दी यात्राएं करने की संभावना बन रही है । परिवार के साथ आप आनंददायक यात्राओं में समय व्यतीत करेंगे । आधयात्मिक प्राप्ति आप तीर्थ स्थल की यात्रा व कुछ समय प्रवास कर सकते है । देश - विदेश घूमने के मौके मिलेंगे । अवांछित प्रवास भी हो सकता है । इस वर्ष तीर्थयात्रा पर जाना अनुकूल फल प्रदान करेगा । भगवान की भक्ति में आप लीन रहेंगे ।

धर्म कार्य एवं गृह शान्ति :

आपके लिए शिव चालीसा का पाठ करना लाभप्रद रहेगा व आपको दुर्गा सप्तसती का पाठ करना चाहिए । रुद्राक्ष की माला धारण करें । प्रत्येक गुरूवार को गाय को गुड़ चना खिलाएं । गणेश जी की आराधना करें ।